Saturday, May 22, 2010

हद कर दी आपने - 2

लालूजी को कौन नहीं जानता? जो उन्हें नहीं जानता है उसका जीना व्यर्थ है, वह पागल या दिवालिया है, भारत का नागरिक नहीं है. अरे, लालूजी भारत की शान हैं - उनमें ऐसा हुनर है कि वे रेलवे के घाटे को भी मुनाफे में बदल देते हैं, बिना कुछ किये ही नाम कमा लेते हैं, अनपढ़ होते हुए भी हार्वर्ड में मैनेजमेंट पर भाषण देते हैं, लाठी को तेल पिलाते हैं और महिला आरक्षण के मुद्दे पर कॉन्ग्रेस पार्टी के पसीने छुड़ा देते हैं, केवल चार एम.पी. की पार्टी के नेता हैं पर सपना प्रधान मंत्री बनने का देखते हैं. लबो-लवाब यह कि लालूजी कमाल के नेता हैं. भारतीय राजनीति को उन्होंने एक नया आयाम दिया है. नेता और जोकर के बीच की दूरी को पूरी तरह मिटा दिया है.
लालूजी का व्यक्तित्व कमाल का है, उनकी बातें बेमिसाल हैं. भला ऐसा और कौन नेता है जो कह सके, " जब तक है समोसे में आलू, तबतक रहेगा बिहार में लालू ". चूंकि उन्होंने नेता और जोकर के बीच की दूरी को मिटा दिया है इसलिए लोग उनकी बातों का बुरा नहीं मानते हैं, उन्हें हँसी में उड़ा देते हैं.
लेकिन लालूजी, कभी-कभी आप भी हद ही कर देते हैं. अभी कुछ ही दिनों पहले जब नक्सलाइटों ने आम नागरिकों से भरी बस को दांतेवाडा में उड़ा दिया और अनेकों आम नागरिकों की जान ले ली तो लालूजी ने कहा, " पुलिस को उसके बारे में खबर करोगे तो मारेगा नहीं क्या ?" मतलब यह कि यदि कोई नागरिक किसी अपराधी के बारे में पुलिस को खबर करता है, तो वह अपराधी उसे मार सकता है. वाह लालूजी वाह! कानून की तो आपने धज्जियां उड़ा कर रख दीं. माना कि आप की पार्टी में अपराधियों की कोई कमी नहीं है, शहाबुद्दीन से ले कर पप्पू यादव तक बिहार के सारे बड़े अपराधी आपके चेले हैं, आपने अपहरण को उद्योग के रूप में स्थापित कर दिया था बिहार में, जो जितना बड़ा अपराधी था वह आपके उतना ही करीब था - फिर भी इस बार तो आपने हद ही कर दी. यदि कहीं पुनः आप बिहार के आका बन गए तो बिहार के आम आदमी तो लुट ही जायेंगे.
हे लालूजी, बस एक कृपा कीजिये. बिहार ने तो आपको पंद्रह सालों तक भोगा है - अब एक मौका दूसरों को भी दीजिये. अब बिहार नहीं, पूरे भारत को सताइए.

2 comments:

  1. The Leader of Jokers or the Joker of Leaders! The rustic neta ! The conjurer of profits in the railways ! The PM in waiting ! It is the bane of our country that these are the alternatives that we have on offer to administer the processes of the nation .

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  2. We are awaiting the next dose , especially in the light of the verdict 2010 in Bihar. Have you reached back or are you still on the way ??

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